The 2-Minute Rule for sapne me tambe ka lota dekhna

छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है.

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अब वाराणसी की ज़िला अदालत के फैसले के बाद वहां पर कोर्ट के नियुक्त किए गए रिसीवर (डीएम वाराणसी) ने पूजा, राग-भोग फिर से शुरू करवाया है.

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प्रशासन ने धार्मिक कार्यों के कुछ जानकारों से भी इस बात की सलाह ली कि अगर कोई जगह काफी दिनों तक बंद रहती हैं website तो वहां पूजा करने के लिए क्या विधान होता है.

वाराणसी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, तहख़ाना खुलवा कर पूजा करवाने की अपनी चुनौतियां थीं.

वहां से उन्हें पूजा के लिए निकाल कर तहखाने में लाया गया.

प्रशासन का कहना है कि रास्ता पहले की तरह अब भी बंद है लेकिन अब फिक्स्ड बैरीकेड की जगह दरवाज़ा लगा दिया गया.

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क्योंकि तहखाना बंद था तो उसमें सीलन की समस्या भी थी.

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इसमें पत्थर के बिना शिवलिंग के दो अरघे, एक भगवान विष्णु की मूर्ति, दो भगवान हनुमान की मूर्ति, एक भगवान गणेश की, एक राम लिखा हुआ छोटा सा पत्थर और एक गंगा जी का मकर है.

प्रशासन के मुताबिक़ काशी मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा ने ही पूजा शुरू करवाई.

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